Poetry About Self Love

Poetry About Self Love

Do not keep watchful, multi-witching is not awesome

Be confident, the grief of the part is not self-sufficient

The work is harder, but not

The crowd who got stupid in the crowd did not show up


It's good to have a bad day in an online

Everywhere, they found fruit.


Poetry About Self Love

Today they have to do it today

Thinking what he says is the same

All you hear are always tired


Your help in your world that helps

Forget it never touches others

What is the work that you do not do?


Those who sometimes spend their time
Do not talk about work
Today the days do not messy
Do not steal the life that ever stays
It's the matter who is not for them
They become you and for example.


Poetry About Self Love

Mountains of Kigam mountains, touching the Vesom

Where are you living in the jungle where you live?

Gray water-rising high fat

The destruction of the fire lapsed in the instructions

This is not the case for you

Forget they do not fail anywhere.



देख कर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं
काम कितना ही कठिन हो किन्तु उबताते नहीं
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं
हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले ।

आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही
सोचते कहते हैं जो कुछ कर दिखाते हैं वही
मानते जो भी हैं सुनते हैं सदा सबकी कही
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत में आप ही
भूल कर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।

जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं
आज कल करते हुये जो दिन गंवाते हैं नहीं
यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिये
वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिये ।

व्योम को छूते हुये दुर्गम पहाड़ों के शिखर
वे घने जंगल जहां रहता है तम आठों पहर
गर्जते जल-राशि की उठती हुयी ऊँची लहर
आग की भयदायिनी फैली दिशाओं में लपट
ये कंपा सकती कभी जिसके कलेजे को नहीं
भूलकर भी वह नहीं नाकाम रहता है कहीं ।

Poetry About Self Love Reviewed by somi on October 22, 2017 Rating: 5

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